कोटद्वार, मई 21 -- मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम हिंदू समाज के आस्था के प्रतीक हैं और समाज के प्रत्येक वर्ग को उनके आदर्शों को आत्मसात करना चाहिए। यह बात भाबर क्षेत्र के अंतर्गत प्राचीन सिद्धपीठ श्री सिद्धबली मंदिर गुलरझाला में नौ दिवसीय श्रीराम कथा में कथावाचक आचार्य सुबोध नैथानी ने कही। कथावाचक आचार्य सुबोध नैथानी ने राम कथा सुनाते हुए कहा कि कलयुग की कल कल्षित वासनाओं का शमन करने का सामर्थ्य केवल रामचरित मानस में है। यह एक ऐसा प्राचीन ग्रंथ है। जिसे स्वयं भगवान शंकर ने रचकर अपने मन में रखा। मंदिर समिति के अध्यक्ष गौरव कुकरेती ने बताया कि मंदिर में प्रतिदिन दोपहर तीन बजे से रामकथा का आयोजन किया जा रहा है।

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