सिद्धार्थ, दिसम्बर 23 -- डुमरियागंज, हिन्दुस्तान संवाद। कस्बे में चल रहे श्रीमद्भागवत कथा के दौरान रविवार की रात कथावाचक आलोकानंद शास्त्री ने श्रीकृष्ण के जन्म का वर्णन किया गया। कथा के दौरान प्रभु श्रीकृष्ण का जन्म होते ही भक्त श्रोता झूमने लगे। माताओं ने मंगलगीत गाकर प्रभु का स्वागत किया। कथावाचक ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने जेल में वासुदेव के घर अवतार लेकर संतो व भक्तों का सम्मान बढ़ाया। जब-जब धरा पर अत्याचार, दुराचार व पापाचार बढ़ता है, तब-तब प्रभु का अवतार होता है। प्रभु का अवतार अत्याचार को समाप्त करने और धर्म की स्थापना के लिए होता है। मथुरा में राजा कंस के अत्याचार से व्यथित होकर धरती की करुण पुकार सुनकर नारायण ने कृष्ण रूप में देवकी के अष्टम पुत्र के रूप जन्म लिया और धर्म और प्रजा की रक्षा कर कंस का अंत किया। शास्त्री ने लोगों को न...