रांची, जून 1 -- रांची, वरीय संवाददाता। प्रभु सेविका सिस्टर मेरी बेर्नादेत्त प्रसाद किस्पोट्टा की 147वीं जयंती मनाई गई। आयोजन रविवार को सरगांव के उनके जन्म स्थान में वार्षिक तीर्थयात्रा के रूप में हुई। इसमें करीब 3000 श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। आर्च बिशप विंसेंट आइंद ने कहा कि प्रभु ईसा का स्वर्गरोहण जिसका पर्व पवित्र कलीसिया आज मानती है, वह मनुष्य की मुक्ति के लिए ही है। वे हमारे स्वभाव में आए, वे शरीर धारण किए और हमारे बीच निवास किए। हमारे स्वभाव को अपनाए और हमारे स्वभाव और जीवन को व सुंदर, मुक्ति का स्रोत अनंत जीवन का रूप दे दिए। जीवन की क्षण भंगुरता में अनंत जीवन को दर्शाने आए थे। मिस्सा अनुष्ठान के बाद माता बेर्नादेत्त की आध्यात्मिकता नामक पुस्तक का हिंदी और अंग्रेजी संस्करण का विमोचन किया गया। अतिथि के रूप में कृषि मंत्री शिल्पी नेह...