सिद्धार्थ, मार्च 19 -- इटवा, हिन्दुस्तान संवाद। क्षेत्र के बेलहसा पाली गांव में स्थित कारेश्वर नाथ मंदिर पर चल रहे सात दिवसीय विष्णु महायज्ञ में रामलीला के दूसरे दिन सोमवार रात कलाकारों ने प्रभु श्रीराम के जन्म का मनोहारी मंचन किया। इसे देख दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। मंचन में कलाकारों ने दिखाया कि अयोध्या के राजा दशरथ की आयु ढलने लगी। कौशल्या, सुमित्रा और केकैयी तीन रानियां होने के बाद भी उन्हें कोई संतान नहीं थे। ऐसे में ऋषियों के कहने पर राजा दशरथ ने यज्ञ कराया और तीनों रानियों को चार पुत्र राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न हुए। राम के जन्म के बाद अयोध्या में खुशियां मनाई गईं। उसी दौरान राक्षसों से परेशान ऋषि विश्वामित्र अयोध्या पहुंचे और राजा दशरथ से राम और लक्ष्मण को अपने साथ ले जाने को कहा। उन्होंने कहा जब मैं यज्ञ करता हूं तो राक्षस उसमें ...