अररिया, अप्रैल 6 -- अररिया,निज संवाददाता आनन्द माार्ग प्रचारक संघ की ओर से दो दिवसीय आनन्द मार्ग धर्म महासम्मेलन शनिवार को प्रभात संगीत,कीर्तन और सामूहिक साधना से वंदना विजय विवाह भवन में शुरू हुआ।आनन्द मार्ग के पुरोधा प्रमुख आचार्य किंषुक रंजन सरकार श्री श्री आनन्दमूर्ति दर्षन पर बोलते हुए कहा कि मोटे तौर पर धर्म दो प्रकार के हैं,स्वाभाविक धर्म और भागवत धर्म।स्वाभाविक धर्म का अर्थ है जिसके करने से दैहिक संरचना की पुष्टी होती है,अर्थात् आहार,निद्रा,भय और मैथुन।भागवत धर्म वह है जो मनुष्य को दूसरे जीवों से पृथक करता है।स्वाभाविक धर्म और भागवत धर्म दोनों का उद्देय एक ही है सुख प्राप्त करना । लेकिन स्वाभाविक धर्म में सुख की गहनता अत्यन्त सीमित होती है जबकि भागवत धर्म में सुख की गहनता,सुख की मात्रा अनन्त होती है।जैसा कि मनुष्य सोचता है,नाल्पे ...