लखनऊ, जून 11 -- विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने ऊर्जा मंत्री एके शर्मा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि प्रबंधन की विफलता बिजली कंपनियों के निजीकरण का आधार नहीं हो सकती। कर्मचारियों का इसमें क्या दोष है? वे तो आंदोलन के समय भी अधिकतम मांग की आपूर्ति पूरी करके कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। ऊर्जा मंत्री ने मंगलवार को बयान दिया था कि निजी क्षेत्र के पास बेहतर तकनीक और प्रबंध कौशल है, इसलिए बिजली के निजीकरण का निर्णय लिया गया है। संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे ने कहा कि 22 जून को लखनऊ में होने वाली महापंचायत का एक विषय 'प्रधानमंत्री के विकसित भारत का लक्ष्य और सार्वजनिक क्षेत्र में बिजली' होगा। संघर्ष समिति ने महापंचायत में ऊर्जा मंत्री एके शर्मा को भी शामिल होने का खुला निमंत्रण दिया है। शैलेंद्र दुबे ने कहा कि अगर बिजली क...
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