लखीसराय, मार्च 18 -- कजरा, एक संवाददाता। सनातन धर्म में प्रदोष व्रत का बहुत महत्व है। आचार्य अशोक पांडे ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रदोष व्रत महादेव और माता पार्वती के लिए समर्पित हैं। इस दिन अगर शिवजी और मां पार्वती की पूजा करें व व्रत का संकल्प करें तो शुभ फल की प्राप्ति होती है। इतना ही नहीं घर परिवार में खुशियां फैलती हैं। हर हिंदू माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत रखा जाता है। पंचांग की मानें तो चैत्र माह में पहला प्रदोष व्रत 27 मार्च को रखा जाएगा। वहीं चैत्र माह का दूसरा प्रदोष व्रत 10 अप्रैल को मनाया जाएगा। 27 मार्च को गुरुवार है, ऐसे में इसे गुरु प्रदोष कहा जाएगा। पंचांग के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली त्रयोदशी तिथि 27 मार्च की देर रात 01 बजकर 42 मिनट से शुरू हो र...