लखनऊ, अक्टूबर 13 -- बिजली कनेक्शन की रफ्तार बेहद सुस्त है। 10 सितंबर से 6 अक्तूबर तक आए कुल आवेदनों में से केवल 32 प्रतिशत उपभोक्ताओं को ही बिजली कनेक्शन दिए जा सके। प्रदेश में तकरीबन 23 हजार उपभोक्ता ऐसे हैं, जिन्होंने कनेक्शन लेने के लिए रकम तक जमा कर दी है, लेकिन उन्हें कनेक्शन नहीं मिला। यह दिक्कत प्रदेश में नए कनेक्शन अनिवार्य तौर पर प्रीपेड मीटर के साथ दिए जाने के आदेश के बाद से आई है। आदेश 10 सितंबर को हुए थे। प्रदेश में नियामक आयोग कनेक्शन के लिए मीटर की दरें तय करता है। पिछली बार 2019 में दरें तय हुई थीं। तब स्मार्ट प्रीपेड मीटर नहीं थे, बल्कि प्रीपेड मीटर थे। उनकी दरें ही स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर भी प्रभावी कर दी गई हैं। इससे बिजली का कनेक्शन लेना महंगा हो गया है। पहले सिंगल फेज मीटर की दर महज 872 रुपये थी। अब इसकी दर बढ़कर 6016 ...
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