लखनऊ, सितम्बर 2 -- प्रदेश भर के बिजली उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली कंपनियों ने 6.22 लाख पुराने मीटर बिजली कंपनियों को जमा नहीं किए हैं। सीतापुर और गोंडा में मीटर न जमा करने का मामला सामने आने के बाद प्रदेश भर के आंकड़े सामने आए हैं। पुराने मीटरों को स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली कंपनियों को 27,342 करोड़ रुपये का टेंडर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में 29 अगस्त तक 38,28,925 स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए गए, जबकि 6,22,568 पुराने मीटर जमा नहीं किए गए हैं। इसमें चेक मीटर के तौर पर लगे मीटरों की संख्या शामिल नहीं है। बदले जा रहे मीटरों में से पांच प्रतिशत उपभोक्ताओं के यहां लगे रहने देने थे, जिन्हें चेक मीटर कहा गया है। राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने इतनी बड़ी संख्या में मीटर वापस न किए जाने पर सवाल उठाए हैं।...