प्रयागराज, जून 15 -- प्रयागराज, संवाददाता। इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन (एएमए) की ओर से रविवार को एएमए सभागार में व्याख्यान आयोजित किया गया। इस अवसर पर श्वांस रोग विशेषज्ञ डॉ. गौरव अग्रवाल ने फेफड़ों की बीमारी और निदान पर विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि अनियमित जीवन शैली, प्रदूषण और धूम्रपान की बढ़ती प्रवृत्ति के कारण फेफड़ों की समस्याएं बढ़ रही हैं। अस्थमा व फेफड़ों के कैंसर के मरीजों को सांस लेने अधिक परेशानी होती है। लंबे समय तक प्रदूषण में रहने से फेफड़ों की क्षमता कमजोर हो जाती है। इसमें पल्मोनरी रिहैबिलिटेशन पद्धति मरीजों की शारीरिक क्षमता बढ़ाने में कारगर होती है। उन्होंने कहा कि क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव प्लोमनरी डिजीज फेफड़ों की एक ऐसी समस्या है, जिसमें सांस लेना कठिन हो जाता है। फेफड़ों के ऑपरेशन व ट्रांसप्लांट के बाद रिकवरी के लिए पल्...