बस्ती, नवम्बर 14 -- बस्ती। बेलगढ़ी में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा के दौरान कथा वाचक संदीप शरण शुक्ल ने कहा कि वियोग में प्राण छटपटाते हैं, तभी जीव ईश्वर से मिल पाता है। कंस अभिमान का प्रतीक था, इसलिए मारा गया, पर कृष्ण जिसे मारते हैं, उसे तारते भी हैं। उन्होंने कहा, आंखें होते हुए भी लोभ, मोह, मद और काम की पट्टी से जो नहीं देख पाता, वही सच्चा अंधा है। रूपये-पैसे ने जिसकी आंखें घेर लीं, वही धृतराष्ट्र है। जिसका मन मधुर है, उसी के घर का माखन कन्हैया खाते हैं। भक्ति में जरा सा भी अधर्म आ जाए तो वह भ्रष्ट हो जाती है। कथा के अंतिम दिन हवन, पूजन और भंडारे का आयोजन हुआ। इस दौरान आशा, अष्टभुजा प्रसाद शुक्ल, डॉ. जगदम्बा प्रसाद शुक्ल, डॉ. अम्बिका प्रसाद, अखिलेश, अजय कुमार, आनंद सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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