मोतिहारी, नवम्बर 3 -- चिरैया, निसं। चिरैया विधान सभा क्षेत्र में सरसावा घाट से लेकर गोढ़ीया हराज तक सिकरहना नदी तटवर्ती गांवों में बाढ़ से बर्बाद हुई किसानों की तबाही की कहानी अब भी बयां कर रही है। छठ पूजा बीतते ही जोर पकड़ चुके चुनावी शोर में भले ही किसानों का दर्द दब गया हो, लेकिन उनकी सुनी निगाहें आज भी बाढ़ के स्थाई समाधान का इंतजार कर रही है। चिरैया विधानसभा क्षेत्र के किसानों की मुख्य रूप से कृषि पर निर्भरता है। विगत दिनों हुई भारी बारिश से खेतों में कहीं जलजमाव तो कहीं अधिक नमी होने से किसानों में रबी खेती विलंब से होने को लेकर चिंतित हैं। चुनावी दंगल में योद्धा अखाड़े में कूद चुके हैं। जनता के बीच जाकर मत मांग भी रहे हैं लेकिन मतदाताओं की खामोशी बहुत कुछ संकेत दे रही है। मतदाताओं की चुप्पी किसका खेल बिगाड़ेगी ,यह खुलकर सामने नहीं ...