वाराणसी, अप्रैल 27 -- प्रचंड गर्मी के बीच लोकसभा चुनाव में रिकॉर्ड मतदान निर्वाचन आयोग के साथ ही सभी दलों के लिए गंभीर चुनौती है। इस बीच वज्रपात, ओलावृष्टि और बारिश के रूप में मौसम में अचानक बदलाव से उभरते संकेत और चेतावनी भी चिंतित करने वाली है। वह चेतावनी है 'काल बैसाखी' की। इसके लक्षण पूर्वोत्तर राज्यों, बिहार और झारखंड के साथ बनारस समेत पूर्वांचल के जिलों में भी प्रकट हो चुके हैं। बीएचयू के मौसम विज्ञानियों की नजर पिछले वर्षों की तरह इस वर्ष के भी काल बैसाखी पर है। फर्क सिर्फ इतना है कि इस वर्ष लोकसभा चुनाव के लिए मतदान उसी अवधि में होना है जो काल बैसाखी की सक्रियता का समय होता है। यानी, अप्रैल मध्य से मई मध्य के कुछ दिन बाद तक। दिख चुका है तेवर

 विशेषज्ञ मान रहे हैं कि बनारस, भदोही, प्रयागराज, चंदौली, मिर्जापुर और सोनभद्र में बीते ए...