प्रयागराज, दिसम्बर 30 -- प्रयागराज। सरकार की लाख कोशिशों के बावजूद यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में नकल माफिया की दखल खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। एक तरफ पीसीएस से लेकर शिक्षक भर्ती तक की परीक्षाओं में राजकीय और सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों को केंद्र बनाया जा रहा है ताकि नकल या पेपरलीक की आशंका न रह जाएं। इसके लिए बकायदा उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम 2024 जारी करते हुए नकल करने या करवाने वालों के लिए एक करोड़ का जुर्माना और आजीवन कारावास की सजा तक का प्रावधान कर दिया है। वहीं दूसरी ओर 10वीं-12वीं की परीक्षा में इस अधिनियम का कोई असर देखने को नहीं मिल रहा है और आज भी वित्तविहीन स्कूल पहली पसंद बने हुए हैं। शासन की ओर से एसडीएम की अध्यक्षता में गठित की दी गई आधारभूत सूचनाओं के आधा...
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