बेगुसराय, अक्टूबर 15 -- नावकोठी, निज संवाददाता। दीप यज्ञ एक भावनात्मक यज्ञ है। प्रज्वलित दीपक की लौ सदैव उर्ध्व गामी होकर सदैव सतपथ पर चलने की प्रेरणा देता है। अपनी भावनाओं को परमसत्ता से जोड़ने का सशक्त माध्यम यज्ञ है। इससे जोड़े बिना अपने लक्ष्य को नहीं पा सकते हैं।ये बातें टोली नायक श्रवण कुमार ने सिसौनी में मंगलवार को शक्ति कलश परिभ्रमण के दौरान दीप यज्ञ में कही। उन्होंने कहा कि अखिल विश्व गायत्री परिवार के संस्थापक वेद मूर्ति तपोनिष्ठ पंडित श्री राम शर्मा आचार्य ने मानव में देवत्व का उदय तथा धरती पर स्वर्ग का अवतरण का उदघोष किया। इसका मूर्तरूप अब परिलक्षित होने लगा है। उन्होंने मानव के अंदर कसाय,कल्मष को दूर करने के लिए साधना,अराधना, उपासना को अपने जीवन में उतारने के लिए निवेदन किया। आज मानव के मन व मस्तिष्क पर दुर्बुद्धि ने अपना सम्...