नई दिल्ली, सितम्बर 24 -- नई दिल्ली। प्रमुख संवाददाता प्रख्यात उपन्यासकार, दार्शनिक, पटकथा लेखक, बहुमुखी विद्वान और साहित्य अकादमी के महत्तर सदस्य डॉ. एस. एल. भैरप्पा का निधन पर साहित्य अकादमी ने दुख व्यक्त किया है। अकादमी द्वारा जारी शोक संदेश में कहा गया है कि भैरप्पा के अधिकांश प्रमुख उपन्यास (जैसे वंशवृक्ष, तत्त्वालोके निनादे मगने, पर्व, और सार्थ) प्राचीन भारतीय दार्शनिक परंपराओं में गहराई से निहित हैं और उन्होंने प्राचीन ग्रंथों, परंपराओं और ऐतिहासिक कथाओं के प्रति जनमानस में गहन रुचि को पुनः सृजित किया। उन्होंने अकेले ही भारत में उपन्यास लेखन में क्रांति ला दी और उनकी कृतियां, जो भारत की विविध दार्शनिक विचारधाराओं पर आधारित थीं, विशेष रूप से युवा वर्ग में अत्यधिक लोकप्रिय हुईं, जिसके परिणामस्वरूप कई युवाओं ने दर्शनशास्त्र को गंभीरता ...