रांची, अक्टूबर 8 -- रांची, संवाददाता। झारखंड में गर्भधारण व प्रसव पूर्व निदान तकनीक अधिनियम पीसीपीएंडडीटी के प्रभावी क्रियान्वयन पर बुधवार को नामकुम के आईपीएच सभागार में राज्य स्तरीय संवेदीकरण कार्यशाला हुई। स्वास्थ्य सेवाएं निदेशालय के निदेशक प्रमुख डॉ. सिद्धार्थ सान्याल ने कहा कि प्रत्येक जिले में जिला परामर्श समिति की बैठक हर दो माह में अनिवार्य रूप से होनी चाहिए। उन्होंने उपायुक्तों को निर्देश दिया कि ये बैठकें नियमित हों। प्रखंड स्तर पर अल्ट्रासाउंड मशीनों की निगरानी के लिए टीम गठित की जाए। उन्होंने राज्य में रेडियोलॉजिस्ट की कमी पर चिंता जताई। कहा कि दूसरे राज्यों से पंजीकरण लेकर झारखंड में प्रैक्टिस करने वाले चिकित्सकों की पहचान कर उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। कार्यशाला में जिलों के एक्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट, सिविल सर्जन, असिस्टेंट नोड...