नई दिल्ली, अगस्त 18 -- कर्नाटक हाईकोर्ट ने सोमवार को एक 52 वर्षीय महिला द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी। याचिका में यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम के तहत यौन उत्पीड़न के एक मामले को रद्द करने की मांग की गई थी। अदालत ने कहा कि यह कानून पुरुषों और महिलाओं दोनों पर समान रूप से लागू होता है। यह मामला उन आरोपों से संबंधित है कि याचिकाकर्ता, जो शिकायतकर्ता का पड़ोसी है, ने मई 2020 में एक 13 वर्षीय लड़के का यौन उत्पीड़न किया था। न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना ने आदेश सुनाते हुए कहा कि पोक्सो अधिनियम, एक प्रगतिशील अधिनियम होने के नाते, बचपन की पवित्रता की रक्षा के लिए है। यह लैंगिक समानता पर आधारित है, जिसका लाभकारी उद्देश्य लिंग की परवाह किए बिना बच्चों की सुरक्षा है। जज ने कहा कि ये प्रावधान स्पष्ट रूप से पुरुष और महिला दोनों अपर...