नई दिल्ली, जून 3 -- नई दिल्ली, प्रमुख संवाददाता। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पॉक्सो मामले के एक आरोपी को सरकारी अस्पताल में सामुदायिक सेवा और युद्ध हताहतों के लिए बने सेना कल्याण कोष में 50 हजार रुपये जमा करने का निर्देश दिया है। इसके साथ ही उच्च न्यायालय ने आरोपी के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द कर दिया। न्यायमूर्ति संजीव नरूला की पीठ ने नाबालिग स्कूली छात्रा को पैसे की मांग पूरी न करने पर उसकी निजी तस्वीरें सार्वजनिक करने की धमकी देने वाले आरोपी के आचरण को आपत्तिजनक बताया। पीठ ने कहा कि इस तरह का व्यवहार डिजिटल मंच के घोर दुरुपयोग दर्शाता है। आरोप निस्संदेह गंभीर हैं। इस तरह के मामले सोशल मीडिया युग के नकारात्मक पहलुओं के प्रतीक है। पीठ ने कहा कि आमतौर पर ऐसे आरोपों की प्राथमिकी रद्द नहीं की जा सकती, लेकिन कानून पीड़िता की निजता, गरिमा और मु...
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