नैनीताल, सितम्बर 29 -- उत्तराखंड हाईकोर्ट ने एक महिला अधिवक्ता को ऑनलाइन यौन उत्पीड़न और जान से मारने की धमकियां मिलने पर गंभीर आपत्ति जताई है। यह महिला अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट में एक बच्ची से रेप मामले के आरोपी का बचाव करते हुए जमानत दिलाने में सफल रही थीं। कोर्ट ने स्वतः मामले का संज्ञान लेते हुए कहा कि महिलाओं की गरिमा हमारे समाज और संस्कृति में किसी भी हालत में छेड़ी नहीं जा सकती। मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की पीठ ने सोशल मीडिया पर फैले धमकियों और अपमानजनक पोस्ट्स की कड़ी निंदा की। कोर्ट ने कहा कि X ,फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ऐसे भड़काऊ, डराने वाले और अपमानजनक संदेश साझा किए गए, जिनमें अधिवक्ता की जान लेने के लिए 'सुपारी' तक देने की बातें थीं। कुछ पोस्ट्स में कोर्ट के फैसले को भी मजाक बताया ...