किशनगंज, नवम्बर 6 -- कोचाधामन। निज संवाददाता प्रस्तुति : नागेन्द्र सिंह वर्षों पहले की राजनीति और वर्तमान समय की राजनाति में काफी अंतर है। उस समय की राजनीति कुछ और थी और वर्तमान समय की राजनीतिक कुछ और हो गई है। आज जहां चुनाव प्रचार में सोशल मीडिया, डिजिटल पोस्टर, बड़े-बड़े मंचों का बोलबाला है, वहीं पहले चुनाव प्रचार पूरी तरह जनसंपर्क और आपसी भरोसे पर आधारित हुआ करता था। उस दौर में न तो मोबाइल था, न टीवी चैनल, न ही आधुनिक प्रचार वाहन। फिर भी उम्मीदवार और जनता के बीच का रिश्ता कहीं अधिक आत्मीय और मजबूत था। उक्त बातें कोचाधामन प्रखंड के बलिया पंचायत के बहीकोल गांव के निवासी गुलाम साबेरुल आलम (80) ने कहा। उन्होंने कहा कि उम्मीदवार गांव-गांव, कस्बों और शहरों का दौरा करते थे। खुले मैदानों, स्कूल प्रांगण, पंचायत भवनों में जनसभाएं होती थीं। लाउडस्प...