नई दिल्ली, दिसम्बर 21 -- पैगंबर मोहम्मद की शिक्षाओं का उल्लेख करते हुए मद्रास हाईकोर्ट ने एक वकील की बकाया फी के मामले में अहम बात कही है। अदालत ने कहा कि मजदूर की मेहनत का पसीना सूखने से पहले उसे मेहनताना देने का सिद्धांत केवल धार्मिक उपदेश नहीं, बल्कि न्याय और निष्पक्षता का मूल तत्व है। यह श्रम और सेवा कानूनों पर समान रूप से लागू होता है। न्यायमूर्ति जी. आर. स्वामीनाथन ने यह टिप्पणी मदुरै सिटी म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के पूर्व स्थायी अधिवक्ता पी. थिरुमलाई की याचिका पर सुनवाई के दौरान की। थिरुमलाई ने दावा किया था कि निगम ने उनके 13.05 लाख रुपये के बकाया कानूनी शुल्क का भुगतान नहीं किया। इससे पहले हाईकोर्ट ने निगम को वकील की मांग पर विचार करने का निर्देश दिया था, लेकिन निगम ने उनके दावे का बड़ा हिस्सा खारिज कर दिया, जिसके बाद थिरुमलाई ने दोबा...