मुजफ्फरपुर, मई 28 -- मुजफ्फरपुर। प्राथमिक कृषि साख सहयोग समितियों (पैक्स) को बहुद्देश्यीय बनाने पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन धरातल पर इनका दायरा सिकुड़ता जा रहा है। जिला पैक्स संघ का कहना है कि एक दशक पहले तक पैक्स किसानों को खेतीबारी के लिए लोन देने-वसूलने, खाद-बीज और अनुदानित दर पर कृषि उपकरण उपलब्ध कराने सहित कई अहम भूमिका निभाते थे, लेकिन अब इसकी गतिविधियां फसलों की सरकारी खरीद तक ही सीमित रह गई हैं। इसमें भी अधिकारियों की उदासीनता और मिलरों की मनमानी बाधा बन रही है। सरकार को इसपर गंभीरता से विचार करना चाहिए। पैक्सों के माध्यम से खेती-किसानी को बढ़ावा देने के उपाय तो किए जा रहे हैं, लेकिन पैक्सों को मजबूत बनाने की पहल नहीं हो रही है। इसको लेकर जिले में पैक्स संचालन से जुड़े पदाधिकारियों और सदस्यों के अलावा किसानों में गहरी निराशा है। ...
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