लोहरदगा, दिसम्बर 25 -- लोहरदगा, संवाददाता। पांचवीं अनुसूची के क्षेत्रों में निवास करने वाले जनजाति समाज के परंपरागत रूढ़िगत व्यवस्था, संसाधनों पर अधिकार और स्वशासन को सशक्त करने हेतु बने पेसा कानून को झारखंड में लागू करने के राज्य सरकार के निर्णय का वनवासी कल्याण केंद्र, झारखंड ने स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया है। वनवासी कल्याण केंद्र के अधिकारियों ने कहा कि इस कानून के लागू होने से परंपरागत रूढ़िजन्य विधि से संचालित जनजातीय ग्राम सभाओं को उनके पारंपरिक अधिकारों एवं कर्तव्यों की संवैधानिक मान्यता प्राप्त होगी। यह कानून राज्य के 13 अनुसूचित जिलों में जनजातीय समाज के सर्वांगीण विकास की दिशा में एक नया अध्याय प्रारंभ करेगा। प्रांत अध्यक्ष सुदन मुंडा और प्रांत प्रचार प्रमुख सुनील सिंह ने कहा कि भारत के 10 अनुसूचित जनजाति बहुल राज्यों में स...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.