संभल, नवम्बर 14 -- संभल। पुरानी तहसील स्थित पेंशन भवन का तीन बार टेंडर रद्द हो चुका है, जिसके चलते इसका सात माह से काम अधर में लटका है। सरकारी वादों और योजनाओं के बीच हकदार पेंशनरों की ज़िंदगी अब टीले की चढ़ाई बन गई है। पुरानी तहसील में ऊंचाई पर बना कोषागार कार्यालय बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए किसी चुनौती से कम नहीं। सबको हर महीने उसी टीले पर चढ़कर पेंशन की लंबी कतार में लगना पड़ता है। सरकार की मंशा पेंशनरों को सुविधा देने की है, मगर ज़मीनी हकीकत कुछ और है। 10 लाख की लागत से बनने वाला पेंशनर भवन अब तक सिर्फ कागज़ों में सिमट कर रह गया है। कोषागार ने इस भवन के निर्माण के लिए राशि ग्रामीण अभियंत्रण विभाग (आरईडी) को भेज दी थी, लेकिन तीन बार टेंडर रद्द हो चुके हैं। अब चौथी बार की टेंडर प्रक्रियारत है। आरईडी के एक्सईएन राकेश कुमार के अनुसार,...
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