औरंगाबाद, दिसम्बर 17 -- औरंगाबाद शहर के क्लब रोड स्थित महासंघ भवन में बुधवार को पेंशनर्स एसोसिएशन की ओर से उमेश प्रसाद सिंह की अध्यक्षता में पेंशनर दिवस मनाया गया, जिसमें जिले के दर्जनों पेंशनर्स ने भाग लिया और सर्वाधिक आयु के पेंशनर्स को सम्मानित किया गया। सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों के लिए वृद्धावस्था सुरक्षा का सिद्धांत प्राचीन काल से ही मौजूद रहा है और लगभग 40 वर्षों की निष्कलंक सेवा के बाद वेतन का एक हिस्सा पेंशन के रूप में देने की परंपरा रही है। वक्ताओं ने कहा कि राजशाही काल में भी सेवकों की आजीविका के लिए व्यवस्था की जाती थी और वर्ष 1920 में पेंशन योजना की शुरुआत हुई, जिसे 1935 में भारत सरकार ने मजबूती दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि पेंशन कोई उपहार, दया या कृपा नहीं, बल्कि पूर्व में की गई सेवा का भुगता...