नई दिल्ली, फरवरी 17 -- नई दिल्ली, अभिषेक झा। जनवरी 2025 में दुनिया का तापमान औद्योगिक युग (1850-1900) से पहले के मुकाबले 1.75 डिग्री सेल्सियस अधिक गर्म रहा। यह अब तक का सबसे गर्म जनवरी रहा है और इसका कारण पृथ्वी के ऊर्जा संतुलन का गड़बड़ाना है। नासा के पूर्व वैज्ञानिक जेम्स ई हैनसेन के अनुसार, ऊर्जा संतुलन बिगड़ने का अर्थ है कि पृथ्वी सौर ऊर्जा को सोख तो रही है पर उसे फिर से छोड़ने की उसकी क्षमता बिगड़ गई है। इस कारण धरती कहीं ज्यादा तेजी से गर्म हो रही है, जोकि ग्लोबल वार्मिंग के खतरे को और बढ़ा रही है। हेन्सन का कहना है कि यह चिंता की बात है और ऐसे में ग्लोबल वार्मिंग को कम करने के प्रयासों को दोगुना करने की आवश्यकता है। ग्रीन हाउस गैसें जिम्मेदार हैनसेन के अनुसार, पृथ्वी के लिए ऊर्जा का एकमात्र स्रोत सूर्य है। यह एक स्थिर दर पर ऊर्जा प्...