कानपुर, दिसम्बर 7 -- कानपुर देहात। कृषि विज्ञान केंद्र दिलीप नगर की ओर से फसल अवशेष प्रबंधन योजना अंतर्गत पराली को खाद में परिवर्तित करने के प्रयास कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किये जा रहे हैं। इसको लेकर खेतों में जाकर पराली प्रबंधन बताया जा रहा है। रविवार को डिकंपोजर के जरिये पराली प्रबंधन का काम मैथा के सहतावनपुरवा गांव में किया गया। कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि खाद कम समय में बनाने की प्रक्रिया कई किसान अमल में लाने लगे है। नवीनतम कृषि तकनीकों को किसानों तक पहुंचाने के लिए वैज्ञानिक सक्रिय हैं। किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन की जानकारी देते हुए कृषि अवशेष को जलाने पर होने वाले नुकसान के प्रति सचेत करते हुए कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि इससे खाद बनाकर जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। कृषि विज्ञान केंद्र दलीपनगर द्वारा मैथा के सहतवानपुरवा गांव में फसल ...