नई दिल्ली, अगस्त 8 -- भूषण पॉवर एंड स्टील लिमिटेड (बीपीएसएल) की लेनदारों की समिति (सीओसी) ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में पूर्व प्रवर्तकों की याचिका का विरोध करते हुए इसकी स्थिरता पर सवाल उठाए। मुख्य न्यायाधीश बी. आर. गवई, न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ के समक्ष सीओसी का प्रतिनिधित्व कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने दलीलें पेश कीं। मेहता ने शुक्रवार को कहा कि बीपीएसएल के पूर्व प्रवर्तकों का इस मामले में कोई अधिकार नहीं बनता क्योंकि उन्होंने ही 'कंपनी बर्बाद कर दी। उन्होंने कहा कि मैंने अब तक जितने भी मामले देखे हैं, उनमें से यह धन की हेराफेरी का सबसे बुरा मामला है। अब वे उस व्यक्ति में खामियां निकाल रहे हैं जिसने सबसे अच्छी समाधान योजना बनाई है। मेहता ने आगे कहा कि जब तक शीर्ष कोर्ट आईबीसी की धारा ...