नई दिल्ली, जुलाई 1 -- पूर्व नौकरशाहों के एक समूह ने मुख्य न्यायधीश बी.आर. गवई को पत्र लिखकर दावा किया है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) में 'हितों का टकराव वन संरक्षण अधिनियम, 2023 को चुनौती देने वाले मामलों के नतीजों को प्रभावित कर सकता है। सीजेआई को पत्र लिखने वाले 60 पूर्व नौकरशाहों के समूह में पूर्व सचिवों, राजदूतों, पुलिस प्रमुखों तथा वन अधिकारियों सहित कई अन्य भी शामिल है। सीजीआई को 30 जून को लिखे गए पत्र में कहा कि चार सदस्यीय सीईसी में फिलहाल भारतीय वन सेवा के तीन पूर्व अधिकारी और एक सेवानिवृत्त वैज्ञानिक शामिल हैं। इन्होंने कई वर्षों तक पर्यावरण मंत्रालय के साथ काम भी किया है। सीईसी में कोई स्वतंत्र विशेषज्ञ नहीं हैं। इस पत्र में कहा गया कि सीईसी के दो सदस्य हाल में वन महानिदेशक और पर्यावरण मंत...