गोरखपुर, मार्च 18 -- गोरखपुर, कार्यालय संवाददाता। एम्स अब पूर्वांचल सहित बिहार में जेनेटिक डिसऑर्डर (अनुवांशिक बीमारी) की वजह से होनी वाली बांझपन समेत अन्य बीमारियों की वजह तलाशेगा। इसके लिए जेनेटिक डिसऑर्डर वाले मरीजों के परिजनों की काउंसलिंग कर उनकी जेनेटिक टेस्टिंग की जाएगी, जिससे समय रहते उचित इलाज मिल सके साथ ही उनकी आने वाली पीढ़ियों को गंभीर बीमारी से बचाया जा सके। इसके लिए एम्स मरीजों का डाटा इकट्ठा करना शुरू कर दिया है। एम्स की मीडिया सेल की चेयरपर्सन डॉ. आराधना सिंह ने बताया कि जेनेटिक डिसऑर्डर की वजह बच्चों में दुर्लभ बीमारियां देखने को मिल रही है। महिलाओं में जेनेटिक डिसऑर्डर की वजह से गर्भपात का खतरा सबसे अधिक है। अगर सही समय पर जांच और इलाज हो जाए तो इन बीमारियों से बचा जा सकता है। इसके लिए एम्स ने ऐसे मरीजों के परिजनों की ज...
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