लखनऊ, अगस्त 24 -- कलंक कथा:- पूर्ववर्ती सरकारों की खुली कलई लखनऊ, प्रमुख संवाददाता पूर्ववर्ती सरकारों के कार्यकाल में नियम-कानूनों को ताक पर रखकर बिना अहर्ता और फर्जी डिग्री वाले विशेष शिक्षकों की भर्ती की गई थी। इसका परत दर परत खुलासा उच्च स्तरीय जांच में होने लगा है। हालत यह है कि ज्यादातर विशेष शिक्षकों के पास टेट (टीईटी) पास होने तक के प्रमाण पत्र नहीं हैं। बावजूद इसके 15 वर्षों से अधिक समय से विशेष शिक्षक प्रदेश भर में दिव्यांग बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं। विशेष शिक्षकों की फर्जी नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गठित जांच समिति की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है कि प्रदेश भर के 2300 विशेष अध्यापकों में से सैकड़ों ऐसे हैं जो भारतीय पुनर्वास परिषद द्वारा तय मानकों की परिधि में आते ही नहीं हैं और बिना जरूरी डिग्री के ये विश...