पूर्णिया, अक्टूबर 10 -- मीरगंज, एक संवाददाता। दीये का पर्व दीपावली धूमधाम से मनाने की तैयारी में सभी जुटे हैं । मान्यता है कि मिट्टी के दीपक जलाने से परिवार में सुख समृद्धि आती है। घर में सुख शांति बनी रहे इसलिए दिवाली के त्योहार के मौके पर घर के आंगन, दरवाजे और छत आदि जगहों पर मिट्टी के दीये जलाने की परंपरा रही है। पुरानी रीति रिवाज की वजह से लोगों को मिट्टी के दीये, मूर्ति व बर्तन लेने पड़ते हैं। यही कारण है कि दीपावली आने के पहले से ही कुम्हार दीया बनाना शुरू कर देते हैं। दीपोत्सव का त्योहार के मौके पर लोग कुम्हार द्वारा बनाए मिट्टी के दीये खरीदे जाते हैं । साथ ही माता लक्ष्मी की मूर्ति, मिट्टी से निर्मित पूजन सामग्री भी खरीदी जाती है । इससे कुम्हारों का व्यवसाय भी अच्छा चलता है लेकिन आधुनिकता के इस दौर में मिट्टी के दीये के स्थान पर चा...