भागलपुर, जून 8 -- पूर्णिया, वरीय संवाददाता। पंजाब से इंजीनियरिंग करने वाले स्टूडेंट को नशे का चस्का लग गया। सिगरेट से शुरू हुआ नशे का शौक शराब, स्मैक से लेकर ड्रग्स तक पहुंच गया। इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद नौकरी भी मिल गयी। नौकरी के साथ नशे भी करने लगे। मगर कुछ वर्षों के बाद वजन कम हो गया। सामाजिक बदनामी के साथ आर्थिक और शारीरिक नुकसान अलग। परिवार वाले भी परेशान। आखिरकार एक दिन चेतना जाग गयी। 10 साल तक नशा करने के बाद इससे तौबा कर लिया। इतना ही नहीं अब नशे के चक्कर में फंसे लोगों की जिंदगी को बदलने का भी संकल्प ठान लिया है। केंद्र सरकार से लाइसेंस प्राप्त कर संकल्प फाउंडेशन नशा मुक्ति केंद्र खोल लिया है जहां इस वक्त अलग-अलग तरह के नशा करने वाले लोगों की जिंदगी बदलने लगी है। नशे के अंधेरे से निकलने वाला यह युवक मिहिर है। अब वह द...