भागलपुर, अक्टूबर 16 -- पूर्णिया। धनतेरस को लेकर लोगों में उत्साह चरम पर है। पंडित वंशीधर झा ने बताया कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को धनतेरस कहा जाता है। इस बार धनतेरस 18 नबंबर शनिवार को मनाया जाएगा। धनतेरस के दिन पंच धातु सोना , चांदी, तांबा, पीतल व लोहा से निर्मित वस्तु अपने सामर्थ्य के अनुसार खरीदने का विधान है। इसमें ज्यादा शुभ चांदी को माना जाता है। वस्तुत: इसका संबंध यमराज से माना जाता है। इस दिन संध्या के समय में घर के बाहर मुख्य दरवाजे के पास एक पत्र में अन्न रखकर यमराज के निमित्त दक्षिण अभिमुख दीपक जलाना चाहिए। उस दीपक का पुष्प गंधक छत से पूजन करना चाहिए । दीपदान करते समय इस मंत्र को पढ़ना चाहिए:-मृत्युना पाशहस्तेन कालेन भार्यया सह। त्रयोदश्यां दीपदानात् सूर्यज: प्रीयताम् इति। यमुना जी यमराज की बहन है। इसलिए धनतेर...