चम्पावत, मई 19 -- टनकपुर। उत्तर भारत के प्रमुख मां पूर्णागिरि शक्तिपीठ में मुंडन संस्कार का अपने आप में विशेष महत्व है। देवी के दर्शन को आने वाले श्रद्धालु बच्चों का मुंडन संस्कार कराते हैं। हर साल सिर्फ मेला अवधि में करीब 40 हजार से अधिक बच्चों का मुंडन संस्कार होता है। मान्यता है कि धार्मिक स्थलों पर बच्चों के मुंडन से कुसंस्कार मिटते हैं। हिंदू धर्म में पवित्र धार्मिक स्थलों पर मुंडन संस्कार की परंपरा है। जन्म के बाद पहली बार बच्चों के सिर के बाल उतारने को लोग पूरी श्रद्धा से धार्मिक स्थलों की ओर रुख करते हैं। इन धार्मिक स्थलों में एक पूर्णागिरि शक्तिपीठ में भी मुंडन संस्कार की परंपरा है। मान्यता है कि बच्चों के मुंडन संस्कार से कुसंस्कार मिटते हैं। पूर्णागिरि के पुजारी पंडित भुवन चंद्र पांडेय के मुताबिक मानसिक विकारों को मिटा बच्चों म...