नई दिल्ली, नवम्बर 18 -- सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को स्पष्ट किया कि वह दिल्ली-एनसीआर में खराब वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए साल भर निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध जैसे कठोर कदम उठाने के पक्ष में नहीं है। अदालत ने वायु प्रदूषण के दीर्घकालिक समाधान की वकालत की। चीफ जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया की बेंच ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के तहत प्रतिबंधित गतिविधियों पर सालभर प्रतिबंध लगाने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली में आबादी का बड़ा हिस्सा आजीविका के लिए गतिविधियों पर निर्भर है। निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाने जैसे कठोर आदेश के दूरगामी परिणाम होंगे और लाखों लोगों की आजीविका खतरे में पड़ जाएगी। केंद्र या राज्य हमें सुझाव दे सकते हैं : बेंच ने अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी से...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.