बेगुसराय, अगस्त 1 -- नावकोठी, निज संवाददाता। आज समाज को बदलाव के बदले पूंजीवादी और साम्राज्यवादी व सांप्रदायिक शक्तियां मानसिक रूप से गुलाम बना रही हैं। शोषण और यातना की जिंदगी में आम आवाम को धकेलना चाहती है। ऐसे समय में हिंदी साहित्य के महान लेखक मुंशी प्रेमचंद ने हमें भारत के सांप्रदायिक जहर नफरत से उत्थान और एकता व अखंडता का संदेश दिया है। ये बातें शिक्षाविद् संतोष ईश्वर ने भारत के महान कथा सम्राट प्रेमचन्द जयंती समारोह में 'आज का समय और प्रेमचन्द विषय पर समसा किड्स वर्ल्ड एकेडमी में आयोजित सेमिनार में कहीं। मौके पर चन्दन कुमार, राहुल कुमार, सुमन, बबीता, प्रभात कुमार क्रांति, सजना कुमारी आदि ने संबोधित किया। प्रेमचंद जयंती समारोह में छात्र-छात्राओं के बीच पुरस्कार भी वितरण किया गया।

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