गोरखपुर, जून 22 -- भटहट, हिन्दुस्तान संवाद। महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय में 27 जून को छह माह से 16 वर्ष के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाएगा। कुलपति प्रोफेसर डॉ. के रामा चंद्र रेड्डी ने बताया कि स्वर्णप्राशन में सोने की राख एक मुख्य तत्व के रूप में होती है। इसलिए इसे पुष्य नक्षत्र में बच्चों को दिया जाता है। इस औषधि को देने से बच्चों में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है। इससे बच्चों के बीमार होने की सम्भावन काफी कम हो जाती है। कुलपति ने बताया कि स्वर्णप्राशन आयुर्वेद की एक विशेष पद्धति है। इसे प्रत्येक माह पुष्य नक्षत्र के दिन दिया जाता है। यह बच्चों की बुद्धि विकास और स्मरण शक्ति को बढ़ाता है। साथ ही उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। झंडू फार्मास्युटिकल द्वारा स्वर्ण भस्म से निर्मित स्वर्ण पोषण गोलियां एवं अन्य आवश्...