गया, जुलाई 17 -- बिहार-झारखंड सीमा पर स्थित गया जी जिले के इमामगंज प्रखंड की सलैया पंचायत के पथरा, हेरहंज और कमलडीह गांव के लोग आज भी 19वीं सदी की जिंदगी जीने को मजबूर हैं। तीन गांवों को जोड़ने वाली तीन नदियां मदानी, सोरदर और हरवाही के बीच हजारों लोगों की फंसी जिंदगियां हर साल बाढ़ और दुर्घटनाओं का शिकार होती हैं। बरसात में बच्चे स्कूल नहीं जा पाते, बीमार अस्पताल नहीं पहुंचते और किसान फसल बाजार नहीं ले जा पाते। कई बार वादे हुए, घोषणाएं हुईं, लेकिन पुल आज तक नहीं बना। 15 हजार आबादी वाले पथरा, हेरहंज और कमलडीह गांव हर साल बरसात के दिनों में टापू बन जाते हैं। यह गांव सुखड़ी, जोगनी और मोरहर नदियों से घिरे हुए हैं। बरसात शुरू होते ही इन गांवों का संपर्क शहरी इलाके से पूरी तरह से कट जाता है। सड़क तो दूर, आजादी के इतने सालों बाद भी यहां पुल नहीं...
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