संतकबीरनगर, जून 20 -- हिन्दुस्तान टीम, संतकबीरनगर। जनपद पुलिस की सख्त निरोधात्मक कार्रवाई से पशु तस्करों की गहरी जड़े हिलने लगी हैं। पिछले वर्षों की अपेक्षा गो-तस्करी और गोकसी के दर्ज मुकदमों में आई काफी गिरावट इस ओर साफ संकेत है। ऐसा भी नहीं है कि यह धंधा समाप्त हो गया है,लेकिन पुलिस की कार्रवाई का खौफ गोतस्करों में समा गया है। गोतस्करी और गोकसी के लिए संतकबीरनगर जनपद पहले से चर्चित रहा है। खासकर दुधारा और बखिरा थाना क्षेत्रों के करीब दो दर्जन गांवों में गोवध का संगठित व्यवसाय खड़ा हो चुका था। इसके साथ ही गोतस्करी का अवैध कारोबार भी जड़ जमा चुका था। पुलिस की नजरों से बचने के लिए पशु तस्कर ट्रेंड बदल-बदल कर अपने मकसद को अंजाम देते रहते हैं। इतना ही नहीं अपने कारोबार को जमाए रखने के लिए अड्डे भी बदलते रहते हैं। वहीं दूसरी तरफ पशु क्रूरता अ...