बगहा, फरवरी 15 -- समाज का प्रमुख हिस्सा होने के बावजूद पुरोहितों की स्थिति दिनों-दिन खराब होती जा रही है। अधिकतर पुरोहितों की आर्थिक स्थिति खराब है। स्कूलों में इनके बच्चों को आरटीई का लाभ नहीं मिलता है। सरकारी नौकरी में गरीब पुरोहितों के बच्चों को फीस में माफी नहीं मिलती है। बेतिया राज के मंदिरों में पुरोहितों को अल्प वेतन मिलता है। भगवान को भोग लगाने के लिए भी बहुत ही कम राशि मिलती है। इसका भार पुजारियों और पुरोहितों पर अतिरिक्त पड़ता है। अब शादी-विवाह में लोग ऑनलाइन बुकिंग करा ले रहे हैं। इससे स्थानीय पुरोहितों और पुजारियों के रोजगार पर संकट खड़ा हो गया है। उनलोगों को जो कुछ भी आय शादी-विवाह आदि आयोजनों से होती थी, वह भी खत्म होती जा रही है। जहां शादी-विवाह में अन्य चीजों पर लाखों खर्च किये जाते हैं वहीं पुरोहितों को दक्षिणा देने के नाम ...