लखनऊ, जुलाई 22 -- कैग द्वारा निजीकरण के प्रस्ताव और अन्य दस्तावेज मांगे जाने पर राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने कहा है कि जब पुरानी बैलेंसशीट पर निजीकरण का मसौदा तैयार किया गया है तो दस्तावेज सौंपने से इनकार कैसे किया जा सकता है? उपभोक्ता परिषद ने कहा कि अगर निजीकरण का पूरा मसौदा बिल्कुल दुरुस्त है तो पावर कॉरपोरेशन को दस्तावेज सौंपने में आनाकानी नहीं करनी चाहिए। इसके पहले कॉरपोरेशन की तरफ से कहा गया था कि वित्तीय वर्ष 2024-25 तक निजीकरण के किसी भी मसले में भुगतान नहीं हुआ है। उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि, कॉरपोरेशन का तर्क निराधार है। वर्ष 2024 -25 में ही बिजली के निजीकरण का फैसला लिया गया और 25 मार्च को निजीकरण के लिए सलाहकार कंपनी को नियुक्त किया गया। यही नहीं, वित्तीय वर्ष 2023 -24 के आंकड़ों के आधार पर ही बैल...
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