वाराणसी, जून 30 -- वाराणसी, मुख्य संवाददाता। भारतीय नाटकों के मूल में सामाजिक समरसता का तानाबाना कितना घना है इसका आभास रविवार को नागरी नाटक मंडली के प्रेक्षागृह में मौजूद रंगप्रेमियों को हुआ। यही नहीं स्त्री जीवन की कठिनाइयों और उसके निजी संकट के जीवंत दस्तावेज से भी वे भली-भांति परिचित हुए। पांच दशक से भी अधिक पुरानी कहानी में आज के दौर की नारी पीड़ा सहज रूप से प्रदर्शित हुई। यह सब कुछ रजिंदर सिंह बेदी लिखित उपन्यास 'एक चादर मैली सी पर आधारित नाटक 'नसीबांवाली के मंचन में उजागर हुआ। रंगमंच की उदीयमान प्रतिभाओं ने इसे मंडली की ओर से आयोजित नवांकुर नाट्य कार्यशाला के अंतर्गत तैयार किया। नायिका रानो का किरदार निभाने वाली मनी अवस्थी ने अभिनय के सभी पक्षों को पूरी दृढ़ता से मंच पर जीया। स्त्री के मानसिक द्वन्द्व, भावना और कर्तव्य के बीच हो रह...