लखनऊ, सितम्बर 26 -- लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाता कैसरबाग स्थित छतर मंजिल में तीन दिवसीय कार्यशाला के समापन पर मुख्य अतिथि रहे अधीक्षण पुरातत्वविद डा. आफताब हुसैन ने कहा कि पुरातत्व इतिहास, इतिहास, साहित्य और विज्ञान का भंडार है। कार्यशाला में विशेषज्ञों, विद्वानों और युवाओं को एक मंच पर लाकर संरक्षण की दिशा में नए विचार और तकनीकों को साझा करने का अवसर है। इस दौरान सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र देकर उनका उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम में निदेशक पुरातत्व विभाग रेनू द्विवेदी ने मुख्य अतिथि का स्वागत पौधा और स्मृति चिन्ह देकर किया। इस मौके पर इंटैक के निदेशक धर्मेंद्र मिश्रा ने कहा कि इस प्रकार के आयोजन विद्यार्थियों को पुस्तक से परे व्यावहारिक अनुभव मिलता है। समापन सत्र में दो तकनीकी सत्रों में इंटैक इंस्टिट्यूट की रिसर्च ऑफिसर अंशिका, प्रतिष्ठा और...
Click here to read full article from source
To read the full article or to get the complete feed from this publication, please
Contact Us.