गंगापार, सितम्बर 22 -- करमा की रामलीला का शुभारंभ सोमवार को कर्णघोड़ा जुलूस व मुकुट पूजन के साथ हो गया है। यहां के रामलीला की विशेषता यह रही है कि सन 1935 में अंग्रेजों के शासन काल में इसकी नींव रखी गई और 1936 से रामलीला का मंचन शुरू हो गया। इस प्रकार पिछले 90 वर्षों से निर्बाध रूप से अपने अस्तित्व को कायम रखते हुए यहां की रामलीला अपने शतक की ओर बढ़ रही है। जिन लोगों ने करमा के रामलीला की आधारशिला रखी आज उनकी तीसरी व चौथी पीढ़ी के युवक अपने योगदान से नियमित रूप से रामलीला का मंचन कर रहे हैं। सन 1935 में करमा के कुछ युवकों ने रामलीला करने की योजना बनाया जिसमें बंशीलाल कप्तान, श्रीकांत पाण्डेय, पुरुषोत्तम जायसवाल, गोपी कृष्ण, काशी प्रसाद मिश्र, सहादेव जायसवाल, नकुलराम सहित गांव के अन्य वरिष्ठ लोग शामिल रहे। बाद में मेजा से करमा में आकर अपनी क्...