बस्ती, मई 2 -- मखौड़ाधाम, हिन्दुस्तान संवाद। रामजन्म की कारक पावन भूमि मखौड़ाधाम पर चल रहे श्रीराम महायज्ञ के दूसरे दिन कथाव्यास श्यामजी ने कहा कि चौरासी लाख योनियों में मानव योनि सर्वोत्तम है। ईश्वर की जब असीम अनुकंपा होती है, हमारे पुण्यों का उदय होता है तब हमें मानव जीवन प्राप्त होता है। श्रद्धालुओं ने यज्ञशाला का परिक्रमा कर मंदिर में पूजन-अर्चन किया और उसके बाद कथा का रसपान किया। कथाव्यास ने आगे बताया कि मनुष्य को अच्छे और बुरे का ज्ञान होता है, हम अच्छे कर्म करके और भगवान की सेवा और नाम जप करके 84 लाख योनियों से मुक्ति पा सकते हैं। मानव जीवन ही ईश्वर प्राप्ति का मुख्य साधन है। उन्होंने कहा प्रहलाद जी को भगवान की प्राप्ति हुई जबकि उनके पिता महापापी थे। ध्रुव को मां की डांट से आपत्ति थी इसलिए वह इससे वंचित रह गए। इस मौके पर दशरथ महल अ...