पीलीभीत, अक्टूबर 11 -- पीलीभीत। बदलते जमाने में बेटियां बेटों से आगे बढ़कर काम कर रही हैं। हर क्षेत्र में बेटों पर बेटियां भारी पड़ रही है। वह चाहे रिसर्च का क्षेत्र हो अथवा शिक्षा क्षेत्र हो। हर क्षेत्र में कंधे से कंधा मिलाकर काम करके नाम रोशन कर रही है। ऐसे समय में परिवार स्तर से बेहतर देखरेख न होने की वजह से जन्म के बाद ही बेटियां कुपोषण का शिकार हो रही हैं। इन कुपोषित बेटियों को स्वस्थ बनाने के लिए हर स्तर पर प्रयास किए जा रहे हैं। जनपद भर में 2492 बेटियां कुपोषित पाई गई हैं। समाज में जागरुकता न होने की वजह से ग्रामीण क्षेत्रों में महिला और पुरुषों को कल्याणकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है। इसका सीधा असर परिवार के बच्चों को पड़ता है। अगर परिवार का मुखिया पढ़ा लिखा होगा, तो बच्चे की बेहतर ढंग से परवरिश हो सकेगी। वह स्वस्थ रहेगा। क...