अल्मोड़ा, फरवरी 14 -- चौखुटिया। हिमगिरी टीम व पर्यावरण प्रेमी जल दूत पुरस्कार से सम्मानित शंकर बिष्ट की पहल पर काटे गए पीपल के पेड़ को फिर से जीवित करने के प्रयास शुरू हो गए हैं। उनका कहना है कि आस्था से जुड़ा पेड़ पारिस्थितिकी के लिए महत्वपूर्ण है। काटे गए हिस्से में चौबटिया, अपैक्श और गेरुआ पेस्ट करने का निर्णय लिया। यहां शंकर बिष्ट के अलावा गोपाल गिरी, भुबन कठायत, महेश तडियाल, जीवन कठायत आदि थे।

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