नई दिल्ली, सितम्बर 24 -- मौत की सजा के प्रावधान वाले जघन्य अपराधों में 'पीड़ित और समाज-केंद्रित दिशा-निर्देश बनाने की मांग को लेकर केंद्र सरकार द्वारा दाखिल याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने 8 अक्तूबर को सुनवाई करने का फैसला किया। केंद्र सरकार की ओर से जनवरी 2020 में शीर्ष अदालत में दाखिल याचिका में कहा था और मौजूदा दिशा-निर्देश केवल 'आरोपी और दोषी-केंद्रित हैं। जस्टिस विक्रम नाथ, संदीप मेहता और एन. वी. अंजारिया की पीठ ने बुधवार को कहा कि 8 अक्तूबर को सुनवाई की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट ने 31 जनवरी, 2020 को, केंद्र की याचिका पर विचार करने की सहमति जताते हुए विभिन्न हितधारकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। शीर्ष अदालत ने शत्रुघ्न चौहान, जिनकी याचिका पर 2014 में मृत्युदंड प्राप्त दोषियों को फांसी देने से संबंधित दिशा-निर्देश निर्धारित किए थे, उन्हें भ...